कांग्रेस 2004 में सत्ता में आ गयी, पर कान्ग्रे स्काफी पहले ही समझ चुकी थी की भविष्य में नरेंद्र मोदी उसके लिए खतरा है इसी कारण मोदी को 2002 में फंसाने की कोशिश कांग्रेस ने की इसके अलावा भी अन्य मामलों में किसी तरह मोदी को फंसाकर जेल में डालकर मोदी को राजनीती से साफ़ कर देने की योजना पर कांग्रेस ने बहुत काम किया
भारत बंद और अन्य शोर में एक महत्वपूर्ण खबर दब गई, वैसे मीडिया ने इस खबर को जान बुझकर दबा दिया क्यूंकि मीडिया भी कांग्रेस के इस अपराध में शामिल थी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने डीजी बंजारा सहित सभी पुलिस अधिकारियों को इशरत जहां एनकाउंटर केस से हमेशा के लिए बाइज्जत बरी कर दिया, कोर्ट में साबित हो गया की इशरत जहाँ एक आतंकवादी थी और उसका एनकाउंटर बिलकुल सही था
कोर्ट में ये भी साबित हो गया की वंजारा और अन्य पुलिसकर्मियों ने अपनी ड्यूटी सही ढंग से की थी, और इनपर जो मामले बनाये गए थे वो झूठे थे और कोर्ट ने सबको बरी कर दिया
पर इन मामलों में वंजारा और अनेक पुलिसकर्मी कई सालों तक जेल में रहे, वंजारा 8 सालों तक जेल में सड़ाये गए, उनके जीवन को बर्बाद कर दिया गया, उनके करियर और उनके परिवार को कांग्रेस ने बर्बाद कर दिया, इसके अलावा 9 अन्य पुलिसकर्मियों को जो अपनी ड्यूटी कर रहे थे मोदी को फंसाने के लिए कांग्रेस ने सबका जीवन नर्क बना दिया
क्या कांग्रेस इन 9 पुलिस अधिकारियों के कीमती 8 साल वापस लौट आएगी जो इन्होंने जेल में गुजारे हैं ? सिर्फ नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए इन पुलिस अधिकारियों को मोहरा बनाया गया ताकि नरेंद्र मोदी को फंसाकर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जा सके
मीडिया भी इस खबर को दबा रही है जबकि मीडिया चिल्ला चिल्लाकर एनकाउंटर्स को कांग्रेस के इशारे पर फर्जी बताया करती थी, अब जब वंजारा और उनके साथी कोर्ट द्वारा बरी कर दिए गए तो मीडिया अपने ही अपराध पर कैसे बोलेगी !
बता दें कि सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि शेख दंपति के आतंकवादियों से संबंध थे.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, यह मामला गुजरात से मुंबई की विशेष अदालत में स्थानांतरित किया गया था, जहां 2014 से 2017 के बीच 38 लोगों में से 15 को आरोप मुक्त कर दिया गया था। जिन्हें आरोप मुक्त किया गया था उनमें 14 पुलिस अधिकारी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं.