जम्मू के राम गढ़ इलाके में पाकिस्तान की कुख्यात bat ने एहद ही शर्मंनाक हरकत करडाली है जिससे पुरे इलाके में तनाव बढ़ गया है, हमेशा की तरह बस्फ की एक टुकड़ी गश्त पर थी जिसकी सुचना पहले से ही अकिस्तान को sop के कारण दी गयी थी बस इसी का फायदा ताते हुए पाकिस्तानियों ने ये घिनोना काम कर डाला है जिससे सीमा पर युद्धद जैसे हालात पैदा होगये है, जिससे कभी भी जंग छिड़ सकती है क्यूंकि एक तरफ पाकिस्तान के नए प्रधान मंत्री ने दोस्ती का पैगाम भी भेजा है, और पकिस्तान ऐसा तब ही कर्र्ता है जब उसे भारत से युध्ह करना हो ताकि दुनिया के सामने भारत को झुटा साबित कर सके |
मंगलवार को बीएसएफ जवान 50 वर्षीय नरेंद्र सिंह शहीद हो गए थे. पाकिस्तानी रेंजरों ने उनकी हत्या करने से पहले उन्हें ढेरों यातनाएं दी थीं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब नरेंद्र सिंह का शव मिला तो उनके गले पर कटे का निशान था. उन्हें कई गोलियां मारी गई थीं. माना जा रहा है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) ने भारतीय जवान की यह हालत की. पाकिस्तान की बैट टीम 3 साल में 3 बार हमले कर चुकी है. बीएसएफ ने इस घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया है. 5 साल पहले 2013 में पाकिस्तानी सैनिकों ने बैट टीम के साथ मिलकर सिपाही हेमराज का सिर काट दिया था.
नरेंद्र सिंह का शव उनके लापता होने के करीब 6 घंटे बाद मिला. बीएसएफ के बयान में कहा गया है कि मंगलवार सुबह 10.40 मिनट पर रामगढ़ सेक्टर पर पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई. उस समय वहां बीएसएफ की एक पार्टी मौजूद थी. वह पेट्रोलिंग पर निकली थी. इस दौरान ही नरेंद्र सिंह अपनी पार्टी से बिछड़ गए. बीएसएफ ने उनकी खोजबीन शुरू की. पाकिस्तानी रेंजरों से भी इसमें मदद मांगी गई. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक पेट्रोलिंग के पहले बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजरों को यह खबर भिजवाई गई थी कि उसकी पार्टी उस एरिया में निकलेगी. यह सूचना स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) के तहत साझा की गई थी. सूचना में बताया गया था कि 176 बटालियन के 8 जवान उस एरिश में निकले हैं. लेकिन पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने नापाक हरकत कर डाली.
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवान को निशाना बनाकर किए गए संघर्षविराम उल्लंघन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया.’ घटना के बाद सुरक्षाबलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ‘हाई अलर्ट’ जारी कर दिया है . सूत्रों ने बताया कि हेड कांस्टेबल कुमार को 3 गोली लगीं और उनका शव छह घंटे के बाद भारत-पाक बाड़बंदी के पास मिल पाया, क्योंकि पाकिस्तानी पक्ष ने सीमा पर संयम बनाए रखने और बीएसएफ के खोजी दलों पर गोलीबारी न होना सुनिश्चित करने के आह्वान पर ‘कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.’