नई दिल्ली : वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता पर काबिज होने के बाद एक से बढ़कर एक विकास कार्य किये हैं, मगर क्या आप जानते हैं कि पीएम मोदी ने अपने एक फ़ोन कॉल से 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों की जान बचाई थी. मीडिया ने इस बात का ज्यादा जिक्र करना जरूरी नहीं समझा, मगर आज हम आपको बताते हैं पीएम मोदी की ताकत के बारे में.
एक कॉल से बचा ली 4000 लोगों की जान
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार (7 जनवरी) को इस बारे में बताते हुए कहा कि 2015 में जब सऊदी अरब और यमन के बीच युद्ध चल रहा था. सऊदी अरब व् उसके सहयोगियों द्वारा यमन पर बमबारी की जा रही थी, तब वहां करीब 4000 भारतीय नागरिक फंसे हुए थे, जिनकी जान भी खतरे में थी.
ऐसे नाजुक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे सऊदी के शाह को फ़ोन मिलाया और उनसे भारतीय नागरिकों के निकलने तक बमबारी को रोकने के लिए कहा. सऊदी के शाह ने कहा कि भारत का अनुरोध इतना महत्वपूर्ण है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
सऊदी अरब और यमन दोनों को बनाया दोस्त
पीएम मोदी की दोस्ती की खातिर सऊदी के शाह एक हफ्ते तक सुबह 9 बजे से 11 बजे तक यमन पर बमबारी रोकने के लिए राजी हो गये. जिसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फ़ौरन यमन प्रशासन से अदन बंदरगाह और सना हवाई अड्डा खोलने का अनुरोध किया ताकि भारतीय नागरिकों को एक हफ्ते प्रतिदिन दो घंटे तक तेजी से जिबूती पहुंचाया जा सके.
यमनियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कहा कि वो भारतीयों के लिए कुछ भी करेंगे. इस समन्वय से ‘ऑपरेशन राहत’ के दौरान न केवल 4800 भारतीयों बल्कि अन्य देशों के 1972 लोगों को निकालना संभव हुआ.
विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह का भी योगदान
यमनी इलाकों पर सऊदी अरब की तरफ से लगातार बमबारी से भारतीयों को वहां से निकालना करीब-करीब असंभव हो गया था. मगर विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह की अगुवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन राहत’ शुरु किया और हजारों भारतीयों की जान बचा ली. अदन बंदरगाह से एक अप्रैल, 2015 को समुद्र के रास्ते इन लोगों को निकालने का काम चला, जो 11 दिनों तक चला था.
पिछले तीन वर्षों में दुनियाभर में भारत की प्रतिष्ठा और वर्चस्व में इजाफा हुआ है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहम योगदान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व की वजह से दुनिया में भारत का महत्व और प्रभुत्व कायम हो रहा है. जिस किसी देश में भी वे गए, उन्होंने दोनों देशों के संबंधों के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर पर भी बेहतर रिश्ते कायम किए.
यही कारण है कि दो देशों ने आपसी लड़ाई के बीच भी पीएम मोदी की बात मानी और भारतीय नागरिकों का बाल भी बांका नहीं हुआ.