नई दिल्ली : आज मोदी सरकार में भारत तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन गया है. पहले फ्रांस को पछाड़कर दुनिया की छठे नंबर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना तो अब अगले साल तक जापान को पछाड़कर पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है. इस प्रगति को अब पूरी दुनिया और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी सराह रहे हैं. तभी तो एक बार फिर G20 सम्मलेन में गए पीएम मोदी और भारत को बड़ी ज़बरदस्त कामयाबी मिली है जो आज तक नहीं हुआ.
अभी G20 सम्मलेन से भारत के लिए बहुत बड़ी खबर आ रही है जिसे सुन हर भारतवासी का सीना गर्व से फूल उठेगा. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। अब भारत 2022 में विश्व के 20 ताकतवर देशों के समूह G-20 की मेजबानी करेगा.
2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। मोदी सरकार ने 2022 में न्यू इंडिया का नारा भी दिया है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण समूह की बैठक की मेजबानी मिलने को एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. जी-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. ऐसे में भारत में इसका आयोजन होना बहुत ज़्यादा गर्व की बात है. मतलब इन सभी ताक़तवर 20 देशों के राष्ट्रपति भारत आएंगे.
पीएम मोदी ने यहां अर्जेंटीना की राजधानी में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में यह घोषणा की. वर्ष 2022 में जी 20 सम्मेलन की मेजबानी इटली को करनी थी. मोदी ने भारत को इसकी मेजबानी मिलने के बाद इसके लिए इटली का शुक्रिया अदा किया. इसके साथ ही उन्होंने जी-20 समूह के नेताओं को 2022 में भारत आने का न्यौता दिया. वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल भी पूरे हो रहे हैं.
In 2022 India completes 75 years since Independence. In that special year, India looks forward to welcoming the world to the G-20 Summit! Come to India, the world's fastest growing large economy! Know India’s rich history and diversity, and experience the warm Indian hospitality.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2018
प्रधानमंत्री ने घोषणा के बाद ट्वीट किया, ‘‘वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. उस विशेष वर्ष में, भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व का स्वागत करने की आशा करता है. विश्व की सबसे तेजी से उभरती सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में आइए. भारत के समृद्ध इतिहास और विविधता को जानिए और भारत के गर्मजोशी भरे आतिथ्य का अनुभव लीजिए.’’
इससे पहले पीएम मोदी ने साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रमफोसा के साथ मुलाकात की थी. मोदी ने उन्हें 2019 के गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का न्यौता दिया था. इसे अफ्रीकी राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है.
बता दें, आर्थिक और कूटनीतिक मामलों के लिए जी-20 काफी अहम संस्था है. यह विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें भारत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली समेत 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
कांग्रेस सरकार के दस साल में याद दिला दें बड़े अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने भारत की अर्थव्यवस्था को खतरनाक बताते हुए FRAGILE FIVE ग्रुप में डाल दिया था. ये बेहद शर्मनाक पल था क्यूंकि इसका मतलब होता है कि भारत ना सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने पडोसी देशों के लिए भी खतरा है.
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